इतनी पत्थर रोशनी वाक्य
उच्चारण: [ iteni petther rosheni ]
उदाहरण वाक्य
- इतनी पत्थर रोशनी / चन्द्रकान्त देवताले
- (उपर) 17:17, 7 जनवरी 2013 (अंतर | इतिहास).. (+527).. न इतनी पत्थर रोशनी / चन्द्रकान्त देवताले (
- देवताले जी की प्रमुख कृतियाँ हैं-हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ़, भूखंड तप रहा है, हर चीज़ आग में बताई गई थी, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उजाड़ में संग्रहालय आदि।
- (इतनी पत्थर रोशनी) समकालीन हिन्दी कविता के परिदृश्य में चंद्रकांत देवताले की सर्जनात्मक सक्रियता और महत्वपूर्ण उपस्थिति से हम सभी परिचित हैं अपनी लगभग पाँच दशकों की लम्बी रचनात्मक कालावधि में उन्होंने अपनी असंदिग्ध प्रामाणिकता और काव्य ऊर्जा के द्वारा कविता के ‘ सत् ' को खोजने तथा पाने की ईमानदार कोशिश की और अपने समय और मनुष्य के प्रति कविता की मौलिक प्रतिबद्धता और उसके बुनियादी सरोकारों को लेकर सवाल पैदा किये ।